khush rahane ke tarike

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जीवन मे हरहाल मे खुश रहने का तरीका 

क्या ऐसा सम्भव है ? क्या ऐसा हो सकता है कि जीवन मे हरहाल मे खुश रहा जा सकता है ?
बिल्कुल ऐसा हो सकता है । सबसे पहले हमे ये समझना होगा खुशी का मतलब क्या है ? बहुत से लोगो को लगता है कि बहुत सारा पैसा होगा तभी आदमी खुश रह सकता है । जितना ज्यादा पैसा उतना ज्यादा खुशी लेकिन ऐसा नही है । पैसा बेशक आपके जीवन को आसान बनाता है और खुशी भी दिलाता है  । लेकिन क्या यही सच्चा सुख है यही सच्ची खुशी है । अगर ऐसा ही होता तो मै ये पोस्ट न लिख रहा होता मै लिख रहा होता ज्यादा पैसा कैसे कमायें । पैसे वाली खुशी  और उससे जुडी हर खुशी बहुत छोटे लेवल की खुशी है मै जो बात कर रहा हु ओ बहुत ही अव्वल दर्जे की खुशी की बात कर रहा हु ।

khush rahane ke tarike

समस्या से निपटना न आना 


सबसे  पहले आपको यह समझना होगा कि खुशी का मतलब क्या है? मेरे हिसाब से अगर आपके जीवन मे दुख नही है तो आप निश्चय ही खुश रहेंगे । तो सबसे पहले इस दुख वाले चैप्टर को सुलझाते है ।
अब यहां समझते है कि दुख क्या है  ? दुख क्यु होता है । दुख के कई कारण हो सकते है जैसे आपके जीवन मे कोई समस्या है और वह समस्या ही आपके दुख का कारण है । लेकिन सच मे देखा जाय तो वह समस्या आपके दुख का कारण नही है । दरअसल आपके दुख का कारण यह है कि आपको उस समस्या से निकलना नही आता अगर आप पानी मे गिर जाते हो और डूबने लगते हो तो यहां पानी मे गिरना आपके डूबने का कारण नही है । आपके डूबने का कारण है आपको तैरना न आना । समस्या तो जीवन मे कभी भी आ सकती  है हमे आना चाहिये समस्या से लडने की कला ।

उम्मीद रखना 

दूसरा इन्सान के जीवन मे सबसे बडा दुख का कारण है किसी व्यक्ति या वस्तु से किसी तरह की उम्मीद होना और वह उम्मीद पूरी न होना ।
मान लीजिये आप किसी दोस्त को बोलते हो मुझे कुछ पैसे की जरूरत है क्या तु दे सकता है ? अब आपके दोस्त ने 'न' कह दिया  । अब इसी घटना मे अलग अलग स्थिति मे दुख का लेवल भी अलग अलग होगा । अगर आपको पूरी उम्मीद थी कि आपका दोस्त आपको पैसा देगा ही देगा तो आपको दुख बहुत ज्यादा होगा । लेकिन अगर आपको थोडी ही उम्मीद थी शायद दे दे तो आपको ज्यादा दुख नही होगा  । और अगर आपको थोडा भी उम्मीद न रही होगी तो बिल्कुल भी दुख नही होगा ।

जैसा कि आपने देखा कि घटना एक ही है बस आपके अन्दर की जो सोच है जो आपकी उमीद है दुख का लेवल भी उसी हिसाब से है । घटना मे कोई परिवर्तन नही हुआ लेकिन दुख कम या ज्यादा हो गया । 
मै यहां यह नही कह रहा कि किसी से कोई उम्मीद ही न रखो उम्मीद रखो लेकिन साथ ही साथ उमीद पूरी होगी या नही इसका फैसला या आधे - आधे पर ही रखो । उमीद पूरी होगी ऐसी उम्मीद रखो लेकिन अगर पूरी नही होगी तो क्या करूगा इसके लिये भी पहले से ही तैयार रहो ।

जब कोई अपना हमे धोखा देता है तो हम बहुत दुखी हो जाते है । क्यो ? क्योकि हमे यह उम्मीद रहती है कि वह हमे धोखा नही देगा । अगर हमे ऐसी कोइ उमीद ही न हो तो क्या होगा कुछ नही कोइ दुख नही । 
लेकिन इस रहस्य को समझना इतना आसान नही है । लेकिन सत्य यही है  अगर आपको अपने जीवन मे खुश रहना है तो अपने आपके अलावा किसी से भी किसी तरह की कोई उम्मीद न रखो । 

किसी व्यक्ति या वस्तु पर निर्भर होना

आप मे से कितने लोग होगें जो मोबाईल की बैट्री लो हो जाय या नेट बन्द हो जाय लाइट चली जाय आप टीवी न देख पाओ गेम न खेल पाओ अपनी प्रेमिका से बात न कर पाओ, चैट न कर पाओ . कुछ लोग नशे के आदी हो जाते है नशा टाइम पर न मिले तो  तो आप दुखी हो जाते हो क्यो ? क्युकि आपको आप उस व्यक्ति या वस्तु पर निर्भर हो चुके हो. सच मे ऐसा कुछ नही है कि किसी भी ऐसी चीज के विना आप दुखी हो या जी न सको . अगर आपको खाने को भोजन और सोने को मिल रहा है तो आप जीवित रह सकते हो . चलिये मान लीजिये आपको मोबाईल की आदत लग गयी है मोबाइल बन्द हो गया तो अब आप क्या करोगे ? भाई जब मोबाइल आपके पास नही था तो आप क्या करते थे ?


अभी के लिये इतना बहुत है मै बहुत ज्यादा डीप मे आप लोगो को नही ले जा रहा हु अगर आप लोग इससे भी आगे जानना चाहते हो तो कमेन्ट करो अगला भाग भी लिखूगा
एक राज की और काम की बात बताता हु  हमारे साथ जो भी घटित होता है अगर उसे हम बदल नही सकते तो अब ये हमारे ऊपर है कि हम उसका दुख मनाये या उसे स्वीकार कर के आगे बढ जाये । अगर ये कला आप को समझ आ गयी तो आप कभी लाइफ मे दुखी नही रहोगे



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