share market kya hai in hindi शेयर मार्केट क्या है हिंदी में

शेयर मार्केट क्या है हिंदी में

शेयर मार्केट क्या है हिंदी में


आपने भी शेयर मार्केट का बहुत नाम सुना होगा कि शेयर मार्केट ऐसा कोई मार्केट है जहां कोई बहुत सारा पैसा कमा जाता है । या कोई सबकुछ गवां देता है । लेकिन अभी तक आपको साफ साफ समझ नहीं आया कि आखिर शेयर मार्केट है क्या और यह कैसे काम करता है । तो बिल्कुल चिंता मत करिए इस पोस्ट में आज मै आपको शेयर मार्केट की पूरी जानकारी दूंगा ओ भी बिल्कुल सरल और व्यावहारिक उदाहरण के साथ ताकि आपको अच्छे से समझ आ सके ।
शेयर मार्केट का हिंदी में मतलब होता है " हिस्सेदारी बाज़ार " । शेयर मार्केट एक ऐसा बाज़ार है जंहा कंपनियों की हिस्सेदारी खरीदी बेची जाती है ।

बाज़ार का मतलब तो आप अच्छी तरह से समझ रहे है । बस आपको शेयर या हिस्सेदारी का मतलब समझना है । 

राहुल एक मील लगवाना चाहता है जिसमें वह गेहूं खरीद कर आटा बनाएगा और बेचेगा । इस मील को शुरू करने के लिए उस लगभग 1 लाख रुपए की लागत लगाने वाली है । लेकिन राहुल के पास 1 लाख रुपए नहीं है उसके पास सिर्फ 60 हजार रुपए है । तो अब राहुल अपने मित्र अर्जुन के पास जाता है । और अर्जुन को अपने मील के बिजनेस के बारे में बताता है और कहता है कि अगर वह बाकी के 40 हजार लगा देगा तो उसे 40% share (हिस्सा )अपनी मील में देगा। 

अर्जुन कहता है कि आइडिया तो बहुत अच्छा है लेकिन मेरे पास सिर्फ 20 हजार ही है।  तो राहुल अर्जुन से कहता है कि ठीक है तुम 20 हजार दे दो मै तुम्हे अपनी मील में 20 % का हिस्सा दूंगा । अर्जुन कहता है ठीक है और वह 20 हजार रुपए राहुल को दे देता है । 

लेकिन अभी भी मील का काम शुरू नहीं हो सकता क्युकी अभी भी 20 हजार रुपए कम पड़ रहे है । राहुल और अर्जुन मिलकर अपने दोस्त अकरम के पास जाते है और अपना पस्ताव रखते है और उसे 20 हजार लेकर 20% हिस्सेदारी देने की बात करते है । अकरम तैयार हो जाता है । और इस तरह राहुल अपनी मील का काम शुरू कर देता है । 
लेकिन उसकी मील का मालिक राहुल अकेला नहीं है उसके 3 मालिक है ।

राहुल 60%
अर्जुन 20%
अकरम 20%
राहुल ने अपनी मील का नाम रखा "राहुल आटा मील" तो अब आप इस इस तरह समझिए । "राहुल आटा मील" एक कंपनी है जिसका 60% share राहुल के पास है । और अर्जुन और अकरम के पास भी 20-20 प्रतिशत है । 

अब आप सोच रहे होगे यहां तक तो ठीक है लेकिन जिस share का नाम मैंने सुना है शायद वह तो यह नहीं है । 

तो अब मै आगे आपको उसी तरफ ले चल रहा हूं । आटा मील अच्छे से चल रही थी और 3 दोस्तो को अच्छा मुनाफा भी हो रहा था । लेकिन अब वे अपने बिजनेस को बड़ा करना चाहते थे । वे चाहते थे कि और ज्यादा मशीन लगाई जाय जिससे और ज्यादा उत्पादन किया जा सके । और ज्यादा लाभ कमाया जा सके ।

जैसा कि हम ने देखा था कि कंपनी 1 लाख रुपए से शुरू हुई थी  । लेकिन 1 साल के बाद अब इस कंपनी की value  1 लाख से बढ़कर 10 लाख हो गई है ।

अब अगर बिजनेस को बड़ा करना है तो और पैसे की जरूरत लगेगी । क्योंकि बिजनेस को बड़ा करने के लिए अब ज्यादा पैसे लगाने वाले है जो कि किसी मित्र या रिश्तेदार से नहीं मिल सकता । अगर लोन लेकर बिजनेस को बड़ा किया जाता है तो लोन का ब्याज भी देना पड़ेगा । 

तीनो दोस्तो ने सोचा कि क्यों न और लोगो को अपनी कंपनी में हिस्सेदार बनाया जाय जिससे और पैसे आ जाय ।  आइडिया तो बहुत अच्छा है लेकिन ऐसा आदमी खोजना भी मुश्किल था जिसके पास इतने सारे पैसे हो और वह एक साथ इतना पैसा भर सके ।

तो तीनों दोस्तो ने विचार किया कि क्यों ना हम अपनी कंपनी के शेयर को स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर करवाएं जहां से जो चाहे जितना शेयर अपनी क्षमता के हिसाब से खरीद सके ।

तो तीनों दोस्तो ने अपनी कंपनी " राहुल आटा मील" को स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर करवा दिया । अब वहां जो चाहे उनकी कंपनी में हिस्सेदारी ले सकता है ।

राहुल ने अपने 60% हिस्सेदारी में से 9% हिस्सेदारी बेच दी ।अर्जुन  और अकरम ने भी 5% की हिस्सेदारी बेंच दी । आ अब कंपनी की 19% हिस्सेदारी स्टोक एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है । यही है शेयर मार्केट  ।

अब अगर आपको " राहुल आटा मील" या ऐसी किसी भी कम्पनी में हिस्सेदारी खरीदनी है तो उसके लिए आपको डीमैट खाता खुलवाना पड़ेगा । 

उसके बाद ब्रोकर की मदद से आप किसी भी कंपनी का शेयर खरीद सकते है ।

मुझे लगता है अभी भी शायद आपके उस सवाल का जवाब  नहीं मिला कि इस सब में कोई बर्बाद या मालामाल कैसे हो जाता है । चलिए अब हम उसी तरफ चल रहे है।

Shate price 


आपने अक्सर लोगो को यह कहते सुना होगा कि फला कम्पनी के शेयर की price बढ़ गईं या गिर गई । आखिर शेयर की price कम या ज्यादा कैसे हो जाती हैं।

चलिए फिर से "राहुल आटा मील " पर आते है । राहुल आटा मील ने जब अपने शेयर को पहली बार मार्केट में उतारा तो एक शेयर की कीमत 10 रुपए रखा । लेकिन कंपनी लगातार अच्छा लाभ कमा रहीं जिसकी वजह से बहुत से लोग राहुल आटा मील के शेयर खरीदना चाहते थे ।
अगर किसी चीज के खरीद दार ज्यादा होंगे तो उस वस्तु की  कीमत अपने आप बढ़ जाएगी । यही बाज़ार का नीयम है ।

Intraday ट्रेडिंग 


जानी मानी कंपनियों के शेयर में इतनी ज्यादा खरीद और बिक्री होती है कि उनका share price हर सेकंड घटता बढ़ता रहता है ।

कुछ लोग एक ही दिन में शेयर को काम दाम पर खरीद कर उसी दिन ज्यादा भाव में बेच लेते है । लेकिन ऐसा कोई जरूरी नहीं कि ज्यादा भाव में ही बेचें कभी कभी नुकसान में भी बेचना पड़ता है । शेयर को खरीद कर उसी दिन बेच देने को ही intraday ट्रेडिंग कहते है । अगर अपने सुना होगा कि शेयर मार्केट जुआ है तो इसी intraday ट्रेडिंग को ही हुआ कहते है ।

क्या शेयर मार्केट जुआ है ।


इस सवाल का जवाब हा भी है और ना भी । अगर आप शेयर बाज़ार में किसी share एक ही दिन में खरीद के एक ही दिन में बेच देते है तो उसे intraday ट्रेडिंग कहते है । यह तो आप को पता ही होगा । अगर आपने किसी share को खरीद रखा है तो जैसा की आपको भी पता ही होगा कि किसी भी share का दाम एक ही दिन में एकदम कम या ज्यादा नहीं हो जाता तो कैसे कोई एक दिन में बर्बाद हो जाता है ।

शेयर मार्केट में पैसे कैसे डूब जाते हैं।


अब मै जो बात आपको बताने वाला हूं उस ध्यान से समझिए । अबतक जितनी बात मैंने बताई वह सब आपकी जानकारी के लिए था समझने के लिए । लेकिन अब मै जो बताने वाला ही उससे आपको बहुत फायदा होगा । 

शेयर मार्केट में पैसे डूबने के कई कारण हो सकते है हो सकता है अपने किसी कंपनी की share खरीद रखे है और वह कंपनी बर्बाद हो जाती है तो ।ऐसा कम ही होता है ।

लेकिन ज्यादा तर लोग कैसे बर्बाद हो जाते है शेयर मार्केट में आज मै आपको बता रहा हूं।

मान लीजिए आप 5 लाख रुपए लेकर इंट्रा डे ट्रेडिंग करने जाते है । कायदे के हिसाब से आपको ऐसा लगेगा कि अगर आप 5 लाख के शेयर खरीद लोगे तो बहुत होगा तो एक ही दिन में 10 या 5 हजार का नुक़सान हो जाएगा इससे ज्यादा  का नुकसान कैसे हो सकता है । सही भी है अगर 5 लाख के शेयर खरीदेंगे तो इतना ही नुकसान होगा ।

लेकिन इसके अलावा भी कुछ होता है जिसके कारण लोग एक ही दिन में अपने सारे पैसे लॉस कर जाते है ।

इस प्रक्रिया को समझने के लिए आपको 2 शब्दों को समझना जरूरी है स्टॉपलॉस और प्रॉफिट बुकिंग 

Stop loss 


अगर आप किसी share को 100 रुपए में खरीद रहे है ।और आपको यह पता है कि अगर इस share की कीमत 95 रुपए से कम हो जाएगी तो इसकी कीमत बहुत नीचे तक गिर सकती है । तो आप अपने शेयर ब्रोकर को या अगर आप किसी सोफ्टवेयर की मदद से खरीद बेच कर रहे है तो उस सॉफ्टवेयर को 95 रुपए का stop loss लगाने के लिए कहेंगे । इससे यह होगा कि जैसे ही आपके उस share की कीमत 95 पहुंच जाएगी अपका सॉफ्टवेयर या ब्रोकर उस share को बेच देगा । जिससे आप बड़े नुकसान से बच जाएंगे ।

प्रॉफिट बुकिंग profit booking 


जिस तरह आप stop loss लगाते है उसी तरह profit booking भी लगाते है । मान लीजिए आपने जो शेयर 100 रुपए का खरीद रखा है आप को पता है कि जैसे ही इस share की कीमत 105 रुपए हो जाएगी लोग इसे बेचकर लाभ कमाने लगेंगे और इसकी कीमत फिर से नीचे आ जाएगी । तो आप 105 रुपए की profit booking लगा सकते है जिससे जैसे ही शेयर की कीमत 105 होगी शेयर अपने आप बिक जाएगा । जिससे आपको profit हो जाएगा ।

Share market जुआ कैसे बनता है 

मान लीजिए आप 5 लाख रुपए inraday trading करने जाते है । 
अब आप 5 लाख रुपए में 100 रुपए वाले 5000 शेयर खरीद सकते है ।

500000/100=5000
अब आप अपने शेयर पर 95 रुपए का stop loss लगाते है तो 

5,000*95=4,75,000
यानि अगर आप एक शेयर पर 5 रुपए का नुक़सान उठाने को तैयार है तो आपको 5000 शेयर पर 25000 का नुक़सान होगा ।

अब अगर 5 लाख को 25 हजार से भाग करें तो 20 आयेगा 

500000/25000=20

क्योंकि आपको 5 हजार शेयर पर 25 हजार का नुक़सान हो रहा है तो 

5000*20=100000 शेयर

मतलब अगर आपके पास 5 लाख रुपए है तो और आप प्रति शेयर 5 रुपए का नुक़सान सहन कर सकते है तो intraday ट्रेडिंग में आप 500000 रुपए से 
100*100000=10000000 
एक करोड़ रुपए के शेयर खरीद पायेंगे । लेकिन अगर प्रॉफिट हुआ तो आप कुछ ही देर में कई लाख कमा जाएंगे और अगर लॉस हुआ तो आपका 5 लाख रुपया 0 हो जाएगा ।
मैने लीजिए जैसा मैंने बताया है इसी तरह आप ने 95 का stoploss लगा के 1 लाख शेयर आपने खरीद लिया और कुछ देर बाद शेयर का भाव कम होगे 95 हो गया तो आपके पूरे पैसे लॉस हो जायेगे । इसी लिए इसे जुआ कहते है । मैंने भी इसमें पैसे गंवाए है । बहुत से लोगो ने बहुत ज्यादा पैसा गवां दिया है । 

तो अंत में मै आपको यहीं सलाह दूंगा कि कभी intraday ट्रेडिंग ना करे क्योंकि किसी को भी यह पता नहीं होता कि किस शेयर का भाव कब कम होगा या बढ़ेगा। कई ऐसी कंपनी भी है जो आपको यह भी बताती है कि कौन सी कम्पनी का शेयर खरीदना चाहिए । अगर आप मेरी इस पोस्ट तक अाए है तो इन सब चक्कर मै कभी ना पड़े।

शेयर मार्केट में लोग इन्वेस्ट क्यों करते है

अगर आपको पता है कि किसी कंपनी का भविष्य अच्छा है तो आप उस कम्पनी में हिस्सेदारी खरीद सकते है । अगर कोई सही से रिसर्च करके सही कंपनी में पैसे लगाता है तो उसे निश्चय ही बहुत लाभ होता है । जैसे उदाहरण के तौर पर जब गूगल नई नई कंपनी थी तो उस समय याहू का जमाना था । इंटरनेट की दुनिया में याहू का बोलबाला था । लेकिन याहू को पता था कि गूगल भविष्य की बहुत बढ़िया कंपनी होगी तो याहू ने अपना बहुत सारा पैसा गूगल में इन्वेस्ट किया जिससे याहू को बहुत फायदा हुआ । 

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से अच्छा है अगर आपको ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप mutual fund में invest करें ।

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